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Maan Mausam Ka Kaha Lyrics

मान मौसम का कहा छाई घटा जाम उठा,
आग से आग बुझा फूल खिला जाम उठा ।

ऐ मेरे यार तुझे उसकी कसम देता हूँ,
भूल जा शिकवा गिला हाथ मिला जाम उठा ।
एक पल भी कभी हो जाता है सदीयों जैसा,
देर क्या करना यहाँ हाथ बढ़ा जाम उठा ।
प्यार ही प्यार है सब लोग बराबर है यहाँ,
मयक़दे में कोई छोटा ना बड़ा जाम उठा ।
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Unique (2006)
Tera Chehra Kitna Suhana Lagta Hai Maan Mausam Ka Kaha Bas Ek Waqt Ka Khanjar Mere Qareeb Na Aao Aap Se Gila Aap Ki Qasam Mujhe Ghussa Dikhaya Jaa Raha Hai Kaun Aayega Yahan Bujh Gayee Tapte Hue Din Ki Agan Tera Chehra Kitna