दिन ढल जाए, हाय रात ना जाए
तू तो ना आये, तेरी याद सताए
प्यार में जिनके सब जग छोड़ा, और हुए बदनाम
उनके ही हाथो हाल हुआ ये, बैठे हैं दिल को थाम
अपने कभी थे, अब हैं पराये
ऐसी ही रिमझीम, ऐसी पुहारे, ऐसी ही थी बरसात
खुद से जुदा और जग से पराये, हम दोनों थे साथ
फिर से वो सावन अब क्यों ना आये?
दिल के मेरे पास हो इतने, फिर भी हो कितनी दूर
तुम मुझको से, मैं दिल से परेशान, दोनों हैं मजबूर
ऐसे में किस को कौन मनाये?
तू तो ना आये, तेरी याद सताए
प्यार में जिनके सब जग छोड़ा, और हुए बदनाम
उनके ही हाथो हाल हुआ ये, बैठे हैं दिल को थाम
अपने कभी थे, अब हैं पराये
ऐसी ही रिमझीम, ऐसी पुहारे, ऐसी ही थी बरसात
खुद से जुदा और जग से पराये, हम दोनों थे साथ
फिर से वो सावन अब क्यों ना आये?
दिल के मेरे पास हो इतने, फिर भी हो कितनी दूर
तुम मुझको से, मैं दिल से परेशान, दोनों हैं मजबूर
ऐसे में किस को कौन मनाये?