कभी सोचता हूँ के मैं कुछ कहू
कभी सोचता हूँ के मैं चूप रहू
आदमी जो कहता हैं, आदमी जो सुनता हैं
जिंदगीभर वो सदाये पीछा करती हैं
आदमी जो देता हैं, आदमी जो लेता हैं
जिंदगीभर वो दुवायें पीछा करती हैं
कोई भी हो हर ख्वाब तो सच्चा नहीं होता
बहोत ज़्यादा प्यार भी अच्छा नहीं होता
कभी दामन छुड़ाना हो तो मुश्किल हो
प्यार के रिश्तें टूटे तो, प्यार के रस्ते छूटे तो
रास्ते में फिर वफ़ायें पीछा करती हैं
कभी कभी मन धूप के कारण तरसता हैं
कभी कभी फिर झूम के सावन बरसता हैं
पलक झपकें यहा मौसम बदल जाये
प्यास कभी मिटती नही, एक बूँद भी मिलती नही
और कभी रिमझिम घटायें पीछा करती हैं
कभी सोचता हूँ के मैं चूप रहू
आदमी जो कहता हैं, आदमी जो सुनता हैं
जिंदगीभर वो सदाये पीछा करती हैं
आदमी जो देता हैं, आदमी जो लेता हैं
जिंदगीभर वो दुवायें पीछा करती हैं
कोई भी हो हर ख्वाब तो सच्चा नहीं होता
बहोत ज़्यादा प्यार भी अच्छा नहीं होता
कभी दामन छुड़ाना हो तो मुश्किल हो
प्यार के रिश्तें टूटे तो, प्यार के रस्ते छूटे तो
रास्ते में फिर वफ़ायें पीछा करती हैं
कभी कभी मन धूप के कारण तरसता हैं
कभी कभी फिर झूम के सावन बरसता हैं
पलक झपकें यहा मौसम बदल जाये
प्यास कभी मिटती नही, एक बूँद भी मिलती नही
और कभी रिमझिम घटायें पीछा करती हैं